भोजन के प्रकार : भोजन मनुष्य के जीवित रहने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसके बगैर मनुष्य अपने जीवन को नहीं चला सकता है। क्योंकि भोजन ही एक ऐसा तत्व होता है, जो मनुष्य को उर्जा और बल देता है। तथा उसको जीवन जीने में सहायता प्रदान करता है। क्योंकि यदि कोई मनुष्य भोजन ही नहीं करेगा तो वह ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह सकता है। लोग भोजन तो प्रतिदिन करते हैं, लेकिन शायद उन्हें यह पता नहीं है , कि भोजन के कई प्रकार भी होते हैं।` अलग-अलग प्रकार के भोजन को करने पर उसके परिणाम भी अलग-अलग होते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते है, कि भोजन के कितने प्रकार होते हैं और उस भोजन को करने पर उसके क्या परिणाम होते हैं।
भोजन के प्रकार
भोजन मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं-
- सात्विक भोजन ।
- राजसिक भोजन ।
- तामसिक भोजन ।
- जैविक भोजन ।
1.सात्विक भोजन
इस प्रकार के भोजन के अंतर्गत दूध, दही, छाछ, घी, मक्खन और सूखे मेवे जैसे-काजू, बादाम, पिस्ता, अखरोट, अंजीर इत्यादि या फिर उससे बनी हुई सामग्री आती है। जो कि खाने में बहुत स्वादिष्ट तथा आनंददायक होती है। यह भोजन हल्का भी होता है तथा इसके हमें कई अच्छे परिणाम भी प्राप्त होते हैं।
परिणाम
इस भोजन को करने से हमें दीर्घायु की प्राप्ति होती है। तथा शरीर में बल और ऊर्जा की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। हमेशा हम लोगों का मन उत्साह से भरा हुआ होता है। यह हमें बुद्धि और सात्विक बल प्रदान करता है। इस भोजन को करने से हमारा शरीर निरोगी होता है, तथा हमेशा हमें शांति और सुख प्राप्त होता है।
2. राजसिक भोजन
इस प्रकार के भोजन के अंतर्गत मसालेदार, तीखा, खट्टा, गर्म, कड़वा और नमकीन खाद्य पदार्थ आते हैं। जिसको खाने पर हमारे आंख, सिर और मुंह से पानी निकलने लगता है । इस प्रकार का भोजन सभी को स्वादिष्ट नहीं लगता है।
परिणाम
इस प्रकार का भोजन करने से हमें दुख, भय और गुस्सा लगता है। पेट में दर्द तथा मलाशय के रोग, पेट के रोग इत्यादि होते हैं। हमें इस भोजन को करने पर आनंददायक नहीं महसूस होता है।
3. तामसिक भोजन
इस प्रकार के भोजन के अंतर्गत ऐसा खाना या खाद्य पदार्थ आता है। जो सड़ा हुआ होता है, बासी होता है, या फिर जिसमें प्याज, लहसुन इत्यादि होता है। या फिर ऐसा खाना जिसमें नजर लगी हो या ऐसा खाना जिसमें धूल या धुआं भरपूर हो, या फिर ऐसा खाना या खाद्य पदार्थ जिसे कुत्तों या पशुओं ने सूंघा हो या स्पर्श किया हो। यह सब तामसी भोजन के अंतर्गत आता है, इस प्रकार के भोजन को कभी भी नहीं करना चाहिए। नहीं तो इससे कहीं बीमारियां भी हो सकती है।
परिणाम
इस प्रकार का भोजन हमारे अंदर लालच, क्रोध, इर्ष्या, घ्रणा , कामेच्छा बढ़ाने वाला होता है। तथा इससे हमारी उर्जा शक्ति कम होती और हमारा जीवन पशु के सामान हो जाता है।
4.जैविक भोजन
जैसा कि आप सभी को पता है कि पहले की तुलना में आजकल जितनी भी खेती हो रही है वह सब कीटनाशक और रासायनिक दवाइयों का उपयोग करके की जा रही है। कृषि कार्य के लिए इन सभी जैविक और कीटनाशक रासायनिक तत्वों का उपयोग किया जाता है। जिससे हमें कई प्रकार की बीमारियां जैसे डायबिटीज, दमा, हार्ट अटैक, कैंसर तथा अन्य गंभीर बीमारियां होती है। ये सभी कीटनाशक और रसायन अनाज और सब्जियों के द्वारा हमारे शरीर में जाते हैं। तथा हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियों को पैदा करते हैं। आप सभी लोग हमेशा जैविक पद्धति से की गई खेती का प्रयोग करें। जिसमें खाद या उर्वरक जैविक ही प्रयोग करें। जिससे कि हमें इन सभी बीमारियों का सामना ना करना पड़े।
परिणाम
जैविक कृषि के द्वारा उत्पन्न किए गए भोजन को करने पर हमारा स्वास्थ्य सही रहता है। तथा हमें बीमारियां नहीं होती है। हमारे शरीर को उचित प्रोटीन और विटामिन भी प्राप्त होते हैं। इससे हम स्वस्थ रहते है और हमारी आयु भी लंबी होती है।
Conclusion
इस लेख के माध्यम से हमने आप सभी को भोजन के प्रकार और उसके परिणाम के बारे में बताया जिससे आप सभी को भोजन के प्रकार के बारे में पता चले तथा आपको यह भी जानकारी हो कि आपको किस प्रकार का भोजन करना चाहिए। जिससे आप सभी हमेशा स्वस्थ रहे।
“ यदि आपको मेरा यह पोस्ट पसन्द आया है, तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया दें | और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें|”
यह भी पढ़ें :आंवला के फायदे और औषधीय गुण | Benefits of Amla in Hindi
यह भी पढ़ें : अपने COMPUTER या LAPTOP की SPEED कैसे बढायें
यह भी पढ़ें : प्रमुख रोग और उनसे प्रभावित होने वाले अंग
यह भी पढ़ें : Jodhpur : जोधपुर का ऐसा अनोखा गाँव जहाँ पर हर कोई करता है, फिल्मों में एक्टिंग
यह भी पढ़ें :Career in Fashion Designing: फैशन डिजाइनिंग में कैरियर
यह भी पढ़ें :Health-सेहत की जानकारी
यह भी पढ़ें :प्रतापगढ़ जिले के पर्यटक स्थल
यह भी पढ़ें : Uric Acid : यूरिक एसिड क्या होता है, इसके लक्षण और उपाय
यह भी पढ़ें :बीमार होने के कारण | Bimaar hone ke karan