प्रतापगढ़ 19 जून 2025 :
पंचमुखी मंदिर चौराहा, जो पुलिस लाइन से भगवा चुंगी रोड को जोड़ता है, वहां नाले पर लगी पत्थर की पटिया पिछले छह महीनों से टूटी हुई है। इस जगह से प्रतिदिन सैकड़ों लोग तहसील, बाजार और अन्य इलाकों में आवाजाही करते हैं, लेकिन किसी ने इस गंभीर खतरे की सुध नहीं ली।
नाले की सफाई बन रही खतरे की वजह
बेला नगरपालिका परिषद इस समय नाले की सफाई अभियान में जुटी है। लेकिन सफाई के दौरान जो पत्थर हटाए जाते हैं, उन्हें दोबारा टूटे हुए हाल में ही वापस रख दिया जाता है। इससे आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं—कभी किसी का सिर फटता है, तो कभी पैर टूट जाता है।
छह महीने से टूटा है पत्थर, प्रशासन सोया है
यह समस्या कोई नई नहीं है। छह महीनों से टूटा हुआ यह पत्थर अब जानलेवा बन चुका है। लेकिन जब तक किसी की जान नहीं चली जाती, तब तक प्रशासन और नगरपालिका के कान पर जूं नहीं रेंगती।
प्रशासनिक लापरवाही और कमीशनखोरी के आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगरपालिका के अधिकारी और पदाधिकारी ठेकेदारों के साथ कमीशनखोरी में व्यस्त रहते हैं। नालियों पर लगने वाले पत्थरों में भी भारी घपले और घोटाले किए जा रहे हैं। जब पत्थर टूट जाते हैं, तब भी उन्हें उसी हालत में नाले पर वापस रख दिया जाता है।
अधिकारियों की नज़र नहीं पड़ती, जनता भुगत रही
यह वही मार्ग है जिससे होकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि सदर तहसील और भगवा चुंगी की ओर रोजाना निकलते हैं। लेकिन चूंकि वे खुद वाहन नहीं चलाते, उन्हें सड़क की स्थिति का अंदाज़ा ही नहीं होता।
सभासद और अध्यक्ष भाजपा से, फिर भी जनता बेहाल
बलीपुर वार्ड और पल्टन बाजार से लगातार निर्वाचित होने वाले दोनों सभासद भाजपा से हैं। वहीं नगरपालिका अध्यक्ष प्रेमलता सिंह भी भाजपा से ही आती हैं। इसके बावजूद टूटी पटिया की मरम्मत न होना जनहित की अनदेखी को दर्शाता है।
आखिर कौन है जिम्मेदार?
जब जनप्रतिनिधि और अधिकारी अपनी ज़िम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेते हैं, तो हादसे आम हो जाते हैं। अब सवाल यह है कि अगर कोई बड़ा हादसा होता है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? क्या प्रशासन समय रहते चेत पाएगा?
Reporter- Rajnikant Shastri