18 जून 2025 लखनऊ/नई दिल्ली:
डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज करते हुए उत्तर प्रदेश ने गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर सबसे अधिक खरीद करने वाला अग्रणी राज्य बनकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर राज्य की पारदर्शी, दक्ष और समावेशी खरीद प्रणाली की प्रशंसा की और इसे अन्य राज्यों के लिए आदर्श मॉडल बताया है।
₹14 लाख करोड़ की राष्ट्रीय खरीद में यूपी की महत्वपूर्ण भागीदारी
GeM के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 से 2024-25 के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने ₹65,227 करोड़ से अधिक की खरीद की। यह हिस्सा राष्ट्रीय स्तर पर 2.9 करोड़ ऑर्डर्स के माध्यम से हुई ₹14 लाख करोड़ की खरीद में बेहद महत्वपूर्ण है।
यूपी सरकार का ‘100% GeM’ अपनाने का बड़ा निर्णय
उत्तर प्रदेश सरकार ने 26 नवंबर 2024 को एक ऐतिहासिक सरकारी आदेश जारी कर GeM को 100% अपनाने का निर्णय लिया। इस आदेश ने न केवल सभी क्रय प्रक्रियाओं को सरल और केंद्रीकृत किया, बल्कि GFR 2017 और GeM की GTC शर्तों के साथ भी राज्य की नीतियों को पूर्ण रूप से संरेखित किया।
योगी मॉडल: पारदर्शिता, तकनीक और नीतिगत प्रतिबद्धता का संगम
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने GeM के जरिये डिजिटल इंडिया की संकल्पना को वास्तविकता में बदलने का मार्ग दिखाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने पारदर्शी और डिजिटल खरीद प्रणाली को प्रभावशाली तरीके से लागू कर दूसरे राज्यों के लिए मिसाल पेश की है।
2020-21 से 2024-25 तक उत्तर प्रदेश की GeM खरीद (करोड़ ₹ में)
वित्तीय वर्ष ऑर्डर वैल्यू
2020-21 ₹4,622.16
2021-22 ₹11,286.29
2022-23 ₹12,242.48
2023-24 ₹20,248.00
2024-25 ₹16,828.75
कुल ₹65,227.68
शीर्ष 10 विभाग (GeM खरीद के आधार पर)
विभाग ऑर्डर वैल्यू (₹ करोड़)
नगर विकास विभाग 11,588.28
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण 9,257.14
आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स 8,241.60
चिकित्सा शिक्षा विभाग 4,589.52
गृह विभाग 4,116.80
ऊर्जा विभाग 2,515.87
बेसिक शिक्षा विभाग 1,958.27
ट्रांसपोर्ट विभाग 1,810.15
उच्च शिक्षा विभाग 1,072.79
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग 1,071.47
उत्तर प्रदेश बना ‘डिजिटल गवर्नेंस’ का नेतृत्वकर्ता
GeM पर यूपी की यह सफलता दिखाती है कि जब नीतिगत स्पष्टता, तकनीकी नवाचार और प्रशासनिक इच्छाशक्ति एक साथ मिलती है, तब सुशासन के नए मानदंड स्थापित किए जा सकते हैं।
रिपोर्टर : रजनीकांत शास्त्री