18 जून 2025 प्रतापगढ़ – कोतवाली देहात क्षेत्र स्थित एटीयल फैक्ट्री के आसपास इन दिनों हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई धड़ल्ले से की जा रही है। हैरानी की बात यह है कि यह पूरा काम बिना किसी वैध अनुमति और टेंडर प्रक्रिया के हो रहा है, और स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस गोरखधंधे में पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत भी शामिल है।
ग्रामीणों का कहना है कि लकड़ी माफिया वन विभाग और स्थानीय पुलिस को चढ़ावा देकर बहुमूल्य पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। लाखों की लकड़ी ट्रकों में भरकर गायब कर दी जाती है, और अधिकारी मौन बने हुए हैं।
ठेकेदार कर रहे इंतजार, लकड़ी माफिया कर रहे व्यापार
जबकि कई ठेकेदार वन विभाग की ओर से टेंडर निकलने का इंतजार कर रहे हैं, वहीं बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के कार्यदाई संस्था और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से कीमती पेड़ों को काटा जा रहा है। यह स्थिति न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए खतरनाक है, बल्कि सरकारी नियमों की खुली धज्जियां भी उड़ाई जा रही हैं।
किसके आदेश पर हो रही है कटाई?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब न तो कोई टेंडर जारी हुआ और न ही वन विभाग की तरफ से कोई आधिकारिक आदेश आया, तो फिर किसके इशारे पर हरियाली पर आरा चल रहा है? एटीयल फैक्ट्री के आस-पास हर रोज़ बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं और उनसे प्राप्त लकड़ी का कोई लेखा-जोखा नहीं है।
प्रशासनिक चुप्पी से गहराया संदेह
स्थानीय जागरूक नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस अवैध कटाई पर सख्त नाराजगी जताई है और मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब संबंधित अधिकारी इस पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं या आंखें मूंदे बैठे हैं, तो क्या यह मिलीभगत का हिस्सा है?
रिपोर्ट: रजनीकांत शास्त्री
कोतवाली देहात क्षेत्र में हरे पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर, वनविभाग और पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
