लखनऊ, 16 जून 2025 — उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान केजीएमयू और क्वीन मैरी अस्पताल विवादों में घिर गए हैं। कोर्ट के आदेश पर केजीएमयू के तत्कालीन कुलपति और क्वीन मैरी की चार वरिष्ठ डॉक्टरों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि बिना पारिवारिक सहमति के एक महिला की जबरन नसबंदी कर दी गई थी, जिससे परिवार सदमे में है।
जानिए पूरा मामला:
हरदोई निवासी हेमवती नंदन ने चौक कोतवाली में दर्ज कराई शिकायत के अनुसार,
4 अक्टूबर 2022 को उनकी पत्नी को प्रसव के लिए क्वीन मैरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रसव के दौरान, महिला की बिना अनुमति नसबंदी कर दी गई।
पीड़ित परिवार का दावा है कि उन्होंने पहले से ही नसबंदी से इनकार कर दिया था, जिसकी लिखित प्रति भी अस्पताल को सौंपी गई थी।
दुखद रूप से इलाज के दौरान नवजात शिशु की भी मृत्यु हो गई।
कोर्ट ने दिए एफआईआर के आदेश:
पीड़ित परिवार ने इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखनऊ पुलिस को आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, वे हैं:
केजीएमयू के तत्कालीन कुलपति
डॉक्टर अमिता पांडे
डॉक्टर मोनिका अग्रवाल
डॉक्टर निदा खान
डॉक्टर शिवानी
एफआईआर चौक कोतवाली, लखनऊ में दर्ज की गई है।
परिवार की मांग:
पीड़ित परिवार ने इस घटना को मेडिकल लापरवाही और महिला अधिकारों का घोर उल्लंघन बताया है। उन्होंने दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई और न्याय की गुहार लगाई है।
रिपोर्ट: रजनीकांत शास्त्री
केजीएमयू के पूर्व कुलपति समेत क्वीन मैरी की चार डॉक्टरों पर नसबंदी मामले में एफआईआर, बिना अनुमति के की गई थी प्रक्रिया
