लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘आउटसोर्स सेवा निगम’ बनाने का निर्णय लिया। योगी सरकार का यह ऐतिहासिक कदम श्रमिकों को वेतन, सुरक्षा और सम्मान दिलाएगा।
यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कार्यरत लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS)” के गठन को मंजूरी दी है। यह निर्णय श्रमिकों के लिए समय पर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और पारदर्शी चयन प्रणाली सुनिश्चित करेगा।
कर्मचारियों को मिलेगा स्थायित्व, पारदर्शिता और सम्मान
मुख्यमंत्री योगी ने 3 जुलाई 2025 को लखनऊ में उच्चस्तरीय बैठक के दौरान इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।
निगम की स्थापना कंपनी एक्ट के तहत होगी
एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और एक महानिदेशक की नियुक्ति होगी
मंडल और जिला स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी
जेम पोर्टल के माध्यम से 3 वर्षों के लिए एजेंसियों का चयन अनिवार्य होगा
वेतन भुगतान, EPF-ESI की अनिवार्यता से बढ़ेगा भरोसामुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार:
सभी आउटसोर्स कर्मचारी को हर माह की 5 तारीख तक वेतन सीधे बैंक खाते में मिलेगा
EPF और ESI की समयबद्ध जमा अनिवार्य होगी
कर्मचारियों को बैंक, ईपीएफ और ईएसआईसी से संबंधित सभी लाभ दिए जाएंगे
यह कदम उन पुरानी समस्याओं का समाधान करेगा, जिनमें वेतन में कटौती, मनमानी, और लाभों से वंचित रहने जैसी शिकायतें शामिल थीं।
आरक्षण और सामाजिक न्याय की पूरी व्यवस्था
निगम की नियुक्तियों में सामाजिक न्याय का पूरा ध्यान रखा गया है:
SC/ST, OBC, EWS, महिलाओं, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण
निराश्रित, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता
वर्तमान कार्यरत कर्मियों को अनुभव का वेटेज
साथ ही, नियमित पदों के विरुद्ध आउटसोर्स सेवा नहीं ली जाएगी और किसी भी कार्मिक को तब तक सेवा से नहीं हटाया जाएगा जब तक संबंधित विभाग की संस्तुति न हो।
एजेंसियों पर निगरानी, नियम उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
UPCOS को एक रेगुलेटरी बॉडी के रूप में कार्यरत किया जाएगा
सभी एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी की जाएगी
नियमों के उल्लंघन पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबारमेंट, पेनाल्टी और वैधानिक कार्यवाही की जाएगी
इससे एजेंसियों की मनमानी पर रोक लगेगी और कर्मचारियों को निष्पक्ष व्यवस्था मिलेगी
श्रमिकों के लिए नया भरोसेमंद अध्याय
यूपी सरकार का यह फैसला केवल एक संगठन की स्थापना नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। इससे न केवल लाखों श्रमिकों को समय पर वेतन और अधिकार मिलेंगे, बल्कि उन्हें सामाजिक सुरक्षा और स्थायित्व की गारंटी भी मिलेगी। यह फैसला उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को नई दिशा देगा।
रिपोर्टर-रजनीकांत शास्त्री