गाज़ा। 25 जून 2025 — पश्चिम एशिया में इज़राइल और ईरान के बीच घोषित 12 दिनों के संघर्ष विराम के बावजूद गाज़ा पट्टी में हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, बीते दो दिनों में हुई झड़पों में 21 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
संघर्ष विराम की घोषणा संयुक्त राष्ट्र, क़तर और मिस्र की मध्यस्थता से 21 जून को की गई थी। इसका मकसद दोनों पक्षों को संयम बरतने और आम नागरिकों तक राहत पहुंचाने का था, लेकिन जमीनी हालात इससे उलट हैं।
अब भी जारी है गोलीबारी
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार की रात इज़राइली वायुसेना ने गाज़ा सिटी के कई हिस्सों में हवाई हमले किए। इसके जवाब में हमास और अन्य गुटों ने इज़राइल के दक्षिणी इलाकों पर रॉकेट दागे। गाज़ा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
नागरिकों का बुरा हाल
गाज़ा के अस्पताल घायल नागरिकों से भरे पड़े हैं। बिजली और दवाइयों की भारी कमी है। कई परिवार रातभर बिना छत के खुले आसमान में गुजार रहे हैं। यूएन की मानवीय एजेंसी (UNOCHA) के अनुसार, संघर्ष विराम के बावजूद करीब 5,000 से अधिक लोग अपने घर छोड़कर शरण में जा चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता जताते हुए कहा कि “संघर्ष विराम का वास्तविक अर्थ तभी होगा जब गोलीबारी पूरी तरह बंद हो।” वहीं अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भी दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
सवालों के घेरे में सीजफायर
विशेषज्ञों का कहना है कि यह संघर्ष विराम केवल राजनीतिक कागज़ों तक सीमित है। प्रोफेसर यासिर अहमद कहते हैं कि “जब तक इज़राइल और ईरान के बीच विश्वास की खाई नहीं पाटी जाती, तब तक कोई भी युद्धविराम टिकाऊ नहीं हो सकता।”
भारत ने भी जताई चिंता
भारत ने भी इस घटनाक्रम पर चिंता जाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि “भारत हर तरह की हिंसा के खिलाफ है और क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में सभी प्रयासों का समर्थन करता है।”
मुख्य बातें एक नजर में:
संघर्ष विराम लागू, लेकिन गोलीबारी जारी
21 से अधिक मौतें, 100+ घायल
गाज़ा में बिजली और दवा की भारी कमी
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कड़ी निगरानी
भारत ने शांति की अपील की
Reporter- Rajnikant Shastri