20 जून 2025 | लखनऊ
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना वायरस (COVID-19) का खतरा बढ़ता जा रहा है। राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में तीन डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इनमें दो पुरुष डॉक्टर और एक महिला डॉक्टर शामिल हैं।
हॉस्टल में इलाज, विशेषज्ञों की टीम रख रही निगरानी
तीनों संक्रमित डॉक्टरों का इलाज KGMU के हॉस्टल परिसर में ही डॉक्टरों की निगरानी में चल रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संपर्क में आए अन्य स्टाफ और छात्रों की जांच प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
इसके साथ ही, डॉक्टरों के संपर्क में आए 7 अन्य लोग भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इन सभी को अलग-थलग कर क्वारंटाइन में रखा गया है और इलाज शुरू कर दिया गया है।
यूपी में कोरोना की स्थिति: 255 सक्रिय मरीज
उत्तर प्रदेश में इस समय 255 एक्टिव कोरोना मरीज हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, गौतम बुद्ध नगर जिले में सबसे अधिक 155 मामले हैं, जबकि लखनऊ में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है। गाजियाबाद में 20 पॉजिटिव केस सामने आए हैं।
कोरोना का यह नया संक्रमण का दौर, पहले की तरह व्यापक नहीं है, लेकिन तेजी से फैलते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है।
छोटे बच्चों में भी संक्रमण, चिंता की बड़ी वजह
इस बार कोरोना का संक्रमण छोटे बच्चों तक भी पहुंच गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 माह की एक शिशु और 12 साल की एक बच्ची कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। यह संकेत है कि वायरस फिर से कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को जल्दी अपनी चपेट में ले रहा है।
क्या बोले स्वास्थ्य अधिकारी?
राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:
“हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है और आवश्यक दवाएं, टेस्टिंग किट्स, ऑक्सीजन एवं बेड्स की व्यवस्था की जा रही है।”
क्या सावधानी बरतनी जरूरी है?
विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही कोरोना की गंभीरता पहले जैसी न हो, लेकिन बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोग अब भी उच्च जोखिम में हैं। इसलिए निम्नलिखित सावधानियां जरूरी हैं:
सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें
बार-बार हाथ धोएं या सैनिटाइज़र का प्रयोग करें
भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें
बुखार, खांसी, गले में खराश जैसी समस्या हो तो तुरंत जांच कराएं
टीकाकरण की दोनों खुराकें एवं बूस्टर डोज जरूर लगवाएं
KGMU का बयान
KGMU के प्रवक्ता ने बताया:
“हमने डॉक्टरों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रोटोकॉल के तहत तुरंत अलगाव किया और संभावित संक्रमितों की पहचान की जा रही है। सभी वार्डों और क्लीनिक क्षेत्रों को सैनिटाइज़ किया गया है।”
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस भले ही पहले की तरह विकराल रूप में नहीं दिख रहा हो, लेकिन KGMU जैसी संस्थान में डॉक्टरों का संक्रमित होना इस बात का संकेत है कि खतरा अभी टला नहीं है। छोटे बच्चों तक संक्रमण पहुंचना इस बार के प्रसार को और अधिक संवेदनशील बनाता है।
स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन और आमजन को मिलकर फिर से सतर्कता बरतने और एहतियात अपनाने की आवश्यकता है, ताकि हम इस नए संक्रमण चक्र को शुरुआती दौर में ही रोक सकें।
Reporter- Rajnikant Shastri