वायरल फीवर से बचाव: मानसून में अपनाएं ये 7 घरेलू उपाय
बारिश और वायरल का रिश्ता बढ़ा, सावधानी जरूरी
मानसून का मौसम जहां तपती गर्मी से राहत देता है, वहीं वायरल फीवर जैसी बीमारियों को भी न्योता देता है। हर साल जुलाई और अगस्त में वायरल बुखार के मामले 40–50% तक बढ़ जाते हैं। खासकर बच्चे, बुज़ुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग जल्दी चपेट में आ जाते हैं।
वायरल फीवर का मुख्य कारण वायरस का संक्रमण है, जो हवा, पानी या दूषित भोजन से फैलता है। इसके लक्षण हैं:
-हल्का या तेज बुखार
-गले में खराश
-सिरदर्द और थकान
-नाक बहना और भूख में कमी

अगर सही समय पर इलाज न हो तो यह गंभीर रूप भी ले सकता है। लेकिन कुछ असरदार घरेलू उपायों से इस खतरे से बचा जा सकता है।
मानसून में वायरल फीवर से बचाव के 7 असरदार घरेलू उपाय
1. उबला हुआ या RO पानी पिएं
मानसून में पानी में बैक्टीरिया और वायरस की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए साफ-सुथरा, उबला या RO पानी ही पीएं। बाहर जाते वक्त घर का पानी साथ रखें और सड़क किनारे के जूस से बचें।
2. हाथ और चेहरे की सफाई रखें
वायरस हाथों के ज़रिए शरीर में प्रवेश करते हैं। बाहर से आने पर साबुन से हाथ धोना, हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल और बार-बार चेहरा न छूना जरूरी है।
3. सुबह-शाम तुलसी-अदरक का काढ़ा लें
तुलसी, अदरक, काली मिर्च और दालचीनी से बना गर्म काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
काढ़ा बनाने की विधि यहाँ पढ़ें
4. बारिश में भीगने के बाद तुरंत कपड़े बदलें
गीले कपड़े पहनने से सर्दी-जुकाम बढ़ता है और वायरल जल्दी पकड़ता है। शरीर को सूखा और गर्म रखें, खासकर बच्चों को।
5. घर का बना भोजन खाएं
सड़क का तला-भुना खाना जल्दी खराब होता है और संक्रमण फैलाता है। ताजा, हल्का और घर का बना खाना ही खाएं। बासी भोजन से परहेज़ करें।
6. पर्याप्त नींद लें
7-8 घंटे की नींद लेना इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी है। रात को देर तक मोबाइल या टीवी देखने से बचें।
7. बुखार आने पर डॉक्टर से संपर्क करें
अगर बुखार दो दिन से अधिक बना रहे तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श लें। पेरासिटामोल या एंटीबायोटिक लेने से पहले सलाह जरूर लें।
रिपोर्टर-रजनीकांत शास्त्री